गुजरात की एक महिला उद्यमी ने डेयरी व्यवसाय में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। पशुपालन और दूध उत्पादन से जुड़ी इस महिला ने अब तक 1.94 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है और अब उनका लक्ष्य इस साल इसे 3 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है।
जानकारी के अनुसार, इस सफलता की कहानी सुश्री चौधरी से जुड़ी है, जिन्होंने वर्षों पहले सीमित संसाधनों के साथ पशुपालन का कार्य शुरू किया था। उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि उनके प्रयासों से स्थानीय स्तर पर अन्य परिवार भी जुड़ गए।
वर्तमान में लगभग 16 परिवार चौधरी जी के साथ पशुपालन और दूध उत्पादन की गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। इस सामूहिक प्रयास ने न केवल रोजगार सृजन किया है, बल्कि गांव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया है।
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चौधरी जी का कहना है कि उनकी सफलता का राज़ गुणवत्ता, सही प्रबंधन और बाजार तक सीधी पहुंच है। उन्होंने पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक को भी अपनाया है, जिससे दूध उत्पादन और बिक्री में लगातार वृद्धि हुई।
विशेषज्ञ मानते हैं कि चौधरी जी का उदाहरण ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का बेहतरीन प्रतीक है। उनकी उपलब्धि से प्रेरित होकर अब कई अन्य महिलाएं भी पशुपालन और डेयरी व्यवसाय में रुचि दिखा रही हैं।
अगर उनका यह सफर इसी तरह जारी रहा तो वह निकट भविष्य में न केवल अपना 3 करोड़ का लक्ष्य पूरा करेंगी, बल्कि गुजरात के ग्रामीण डेयरी उद्योग की पहचान भी बनेंगी।
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