हरियाणा के दो युवक धोखाधड़ी का शिकार होकर रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में फंस गए हैं। दोनों को झूठे वादों और बहाने से रूस की सेना में भर्ती करा दिया गया। यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी और फर्जी भर्ती नेटवर्क की एक और परत खोलती है।
परिजनों के मुताबिक, युवकों को बेहतर रोजगार और स्थायी वीज़ा दिलाने का झांसा दिया गया था। इसी बहाने उन्हें रूस ले जाया गया। वहां जाकर पता चला कि असल में उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए भेजा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस तरह के कई मामले हाल ही में सामने आए हैं, जिनमें भारतीय युवाओं को विदेश में काम दिलाने के नाम पर फंसाकर युद्ध क्षेत्र में भेजा गया। पीड़ित परिवारों ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से तत्काल मदद की अपील की है।
और पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्धविराम वार्ता पर ट्रंप का सख्त रुख, कड़े विकल्प का दिया संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल धोखाधड़ी नहीं बल्कि मानव तस्करी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध पहले से ही गंभीर मानवीय संकट पैदा कर चुका है और इस तरह भारतीय युवाओं का वहां फंसना परिवारों के लिए गहरी चिंता का विषय है।
विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे पूरी गंभीरता से इसकी जांच कर रहे हैं और रूस से संपर्क साधा गया है ताकि युवकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
और पढ़ें: अगले हफ्ते ट्रंप और ज़ेलेंस्की की मुलाकात की संभावना, शांति प्रयासों पर चर्चा होगी