भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव 2025 का तीसरा संस्करण शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 को औपचारिक रूप से शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भारत की समृद्ध सैन्य विरासत को संरक्षित करने और उससे प्राप्त ऐतिहासिक अनुभवों को राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में शामिल करने के महत्व को रेखांकित किया।
अपने संबोधन में संजय सेठ ने कहा कि भारत का सैन्य इतिहास केवल गौरव का विषय नहीं है, बल्कि देश की आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की नींव भी है। उन्होंने कहा, “हमारा इतिहास ही हमारी धरोहर है। हमें इसे पुस्तकों में सहेजना चाहिए और इससे सीख लेकर अपने सैन्य सामर्थ्य को और अधिक सुदृढ़ करना चाहिए। यह महोत्सव हमें अपनी वीर परंपराओं और अद्भुत सैन्य कथाओं से जुड़ने का अवसर देता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि घरेलू रक्षा प्रणाली को अधिक मजबूत और लचीला बनाने की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है। उद्योग जगत और युवा नवाचारकों की बढ़ती भागीदारी राष्ट्र की दीर्घकालिक सामरिक क्षमता को बढ़ाने का संकेत है, जिससे भारत का वैश्विक रक्षा सहयोग भी व्यापक हो रहा है।
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कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कई महत्वपूर्ण प्रकाशनों का लोकार्पण किया, जिनमें शुक्र नीति: स्टेटक्राफ्ट एंड वॉरफेयर, भारतीय सशस्त्र बलों के सम्मान और पुरस्कार, तथा भारत के 75 वर्षों के शांति अभियानों पर आधारित विशेष संकलन शामिल हैं।
दो दिवसीय महोत्सव में पैनल चर्चाएं, प्रदर्शनियां और संवादात्मक सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य जनता को भारत की सैन्य विरासत के महत्व से अवगत कराना और इसे आधुनिक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों से जोड़ना है।
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