ईरान ने हाल ही में छह आतंकियों को फांसी देने की कार्रवाई की है, जिन पर इज़राइल से संबंध रखने का आरोप था। अधिकारियों के अनुसार ये आतंकवादी 2018 और 2019 में हुई सिक्योरिटी बलों की हत्या में शामिल थे। इनमें दो पुलिसकर्मी और दो बसीज अर्धसैनिक बल के सदस्य भी शामिल थे।
ईरानी न्यायालय ने इन आतंकियों को गिरफ्तार कर विस्तृत जांच के बाद दोषी पाया और उन्हें राज्य के खिलाफ गंभीर अपराधों के लिए फांसी की सजा सुनाई। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान लगातार उन समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, जिनके इज़राइल या अन्य विदेशी खुफिया एजेंसियों से संबंध हैं। यह कदम देश में सुरक्षा बलों की हत्या और आतंकवाद के मामलों में राज्य की सख्ती को दर्शाता है।
और पढ़ें: आंध्र प्रदेश के विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में वामसधारा, नागावली और अन्य नदियों में मध्यम प्रवाह
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ विश्लेषक इसे आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम मानते हैं, जबकि मानवाधिकार संगठनों ने फांसी की सजा और निष्पादन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए वे ऐसे किसी भी गतिविधि में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेंगे। इस घटना ने ईरान के आंतरिक सुरक्षा माहौल और आतंकवाद विरोधी नीतियों पर ध्यान आकर्षित किया है।
और पढ़ें: बेलगावी में पत्थरबाजी के बाद सामान्य स्थिति वापस, पुलिस की त्वरित कार्रवाई से नियंत्रण