इज़राइल के मिसाइल हमलों और अमेरिका द्वारा ईरान की तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों को निशाना बनाए जाने के बाद, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरक़ची चीन में आयोजित एक क्षेत्रीय राजनयिक सम्मेलन में पहुंचे।
इस सम्मेलन में उन्होंने एक साफ और सीधी अपील की — कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) को क्षेत्रीय सैन्य आक्रामकता पर प्रतिक्रिया देने के लिए एक साझा तंत्र विकसित करना चाहिए। साथ ही, संगठन को ऐसे खतरों से निपटने में "केंद्रीय भूमिका" निभानी चाहिए।
ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार, अरक़ची ने बीजिंग और मास्को समर्थित इस संगठन के सामने कहा कि ईरान पर हुए हालिया हमलों ने क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल दिया है, और इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए SCO को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
ईरान की यह पहल ऐसे समय पर आई है जब वह खुद क्षेत्रीय कूटनीति और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है। SCO, जिसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देश शामिल हैं, का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, और ईरान अब उसका सक्रिय सदस्य है।
अरक़ची की इस अपील को ईरान की बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और अंतरराष्ट्रीय समर्थन की खोज के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब, जब पश्चिमी देश और नाटो सहयोगी क्षेत्रीय संघर्षों में खुलकर शामिल हैं।