मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए जिले में बनाए गए कई ढांचे और सजावट को हटा दिया गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ संगठनों ने आधिकारिक कार्यक्रम में एक नृत्य प्रस्तुति शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई थी।
सूत्रों के मुताबिक, कुकी-ज़ो समुदाय के संगठनों ने शुरुआत में प्रधानमंत्री की यात्रा का स्वागत किया था, लेकिन बाद में उन्होंने यह कहते हुए विरोध जताया कि नृत्य प्रस्तुति कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होनी चाहिए। उनका तर्क था कि वर्तमान हालात और समुदाय के संघर्ष को देखते हुए सांस्कृतिक प्रस्तुति अनुचित है। इस आपत्ति के बाद आयोजन समिति ने सजावट और स्वागत ढांचे को हटा दिया।
कुकी-ज़ो निकायों का कहना है कि प्रधानमंत्री की यात्रा का महत्व राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर है, और इसे केवल औपचारिक एवं संवेदनशील दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उनका मानना है कि सांस्कृतिक कार्यक्रम से यात्रा की गंभीरता और संदेश कमजोर हो सकता है।
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मणिपुर लंबे समय से जातीय तनाव और हिंसा का सामना कर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री की यात्रा को समुदायों के बीच शांति और संवाद का अवसर माना जा रहा था। लेकिन स्वागत तैयारियों पर विवाद ने दौरे के माहौल को जटिल बना दिया है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं राज्य में पहले से मौजूद अविश्वास और तनाव को और गहरा सकती हैं। अब नज़र इस बात पर है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सरकार किस तरह समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने का प्रयास करती है।
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