पूर्व बीजेपी राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने विपक्ष के उन आरोपों का कड़ा जवाब दिया है, जिनमें कहा गया था कि कुछ बीजेपी नेता, जिनमें वे भी शामिल हैं, दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान करने के बाद बिहार में भी वोट डालने गए। सिन्हा ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया और कहा कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है।
राकेश सिन्हा ने कहा, “विपक्ष केवल भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। जहां तक मेरा सवाल है, सार्वजनिक जीवन में सभी जानते हैं कि मैं संवैधानिक मूल्यों और नैतिकता के लिए खड़ा हूं।”
उन्होंने बताया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में कई दशकों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनकी स्थायी पता बिहार के बेगूसराय जिले के उनके गांव का है। “मेरे संसद रिकॉर्ड और राजनयिक पासपोर्ट पर भी यही पता दर्ज है,”।
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राकेश सिन्हा ने कहा कि बिहार की राजनीति से उनके लंबे संबंध के कारण कई कार्यकर्ताओं ने उन्हें वहां की चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आग्रह किया। “कानूनी प्रक्रिया के तहत मैंने दिल्ली की मतदाता सूची से अपना नाम हटवा दिया,”।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें पक्का यकीन है कि उनका नाम दिल्ली की मतदाता सूची से हटा दिया गया है, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से संपर्क कर यह सुनिश्चित किया कि सब कुछ कानूनी रूप से हो।
वहीं, आम आदमी पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि कुछ बीजेपी नेताओं ने फरवरी में दिल्ली में और अब बिहार में मतदान किया, जिसे उन्होंने “बड़ा वोटर फ्रॉड” बताया।
गुरुवार को समाप्त पहले चरण में बिहार में 65% मतदान हुआ, जो राज्य के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को निर्धारित है।
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