त्रिपुरा सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे जिलों में अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें देश से निर्वासित करने के लिए एक 15 सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है। यह निर्णय राज्य के उत्तर त्रिपुरा जिले में बढ़ती अवैध घुसपैठ की घटनाओं के मद्देनज़र लिया गया है।
राज्य सरकार ने बताया कि यह टीम विभिन्न विभागों के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई है, जिसमें गृह विभाग, पुलिस, खुफिया इकाई, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और राजस्व विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। टीम का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोगों की पहचान, सत्यापन और उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया को तेज करना है।
सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में उत्तर त्रिपुरा के कई इलाकों में बिना दस्तावेज के प्रवासियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इससे स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है और प्रशासन पर दबाव बना है कि वह कठोर कदम उठाए।
टीम को निर्देश दिया गया है कि वह गांव-गांव जाकर सर्वेक्षण करे और संदिग्ध प्रवासियों से उनके पहचान पत्र, नागरिकता दस्तावेज और प्रवेश का तरीका पूछे। यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से भारत में पाया जाता है, तो उसके खिलाफ निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस कदम को राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक अहम प्रयास बताया है। हालांकि, कुछ मानवाधिकार संगठनों ने प्रक्रिया में पारदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की मांग की है।