अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ (शुल्क) को “न्याय खरीदने” के कूटनीतिक साधन के रूप में इस्तेमाल किया और भारत से रूस से तेल खरीदना बंद करने का आग्रह किया था ताकि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मदद मिल सके।
लटनिक ने गुरुवार (6 नवंबर 2025) को एक साक्षात्कार में कहा कि ट्रंप ने जो कदम उठाए, वे अमेरिका और दुनिया को “सुरक्षित बनाने” के उद्देश्य से थे। उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट यह तय कर रहा है कि ट्रंप द्वारा 1977 के International Emergency Economic Powers Act (IEEPA) के तहत लगाए गए व्यापक टैरिफ कानूनी थे या नहीं।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति इन टैक्सों का उपयोग न्याय स्थापित करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने भारत से कहा कि ‘रूस से तेल खरीदना बंद करो’। यदि इन शक्तियों को सीमित किया गया, तो यह ट्रंप की विश्व शांति स्थापित करने की क्षमता को कमजोर करेगा।”
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ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ लगाया था, और रूसी तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया, जिससे कुल कर दर 50 प्रतिशत तक पहुंच गई। भारत ने इस कदम को “अनुचित और अन्यायपूर्ण” बताया था।
सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भारत पर लगाए गए ये टैरिफ “यूक्रेन में रूस के युद्ध से उपजे राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने” के लिए आवश्यक थे। ट्रंप का दावा है कि भारत ने रूस से तेल आयात में कमी लाने का आश्वासन दिया है, जबकि भारत लगातार कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित और सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करने पर आधारित है।
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