प्रसिद्ध गायक ज़ुबिन गर्ग की मौत के मामले में असम के मुख्य सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महांता ने इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने यह निर्णय तब लिया जब उनके भाई श्यामकनु महांता से संबंधित कई आरटीआई आवेदन आने लगे। श्यामकनु उस म्यूज़िक फेस्टिवल के आयोजक थे जिसमें ज़ुबिन गर्ग को प्रस्तुति देनी थी।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सिफारिश पर भास्कर महांता ने पद छोड़ा, क्योंकि इसमें “हितों का टकराव” माना गया।
ज़ुबिन गर्ग का शव 19 सितंबर को सिंगापुर के तट के पास मिला था। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें श्यामकनु महांता, ज़ुबिन के चचेरे भाई संदीपन गर्ग (डीएसपी, असम पुलिस), बैंड मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, और बैंड के दो अन्य सदस्य शामिल हैं।
श्यामकनु महांता पर हत्या, लापरवाही से मृत्यु का कारण बनना, आपराधिक साजिश और गंभीर धोखाधड़ी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। जांच एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि क्या उन्होंने अवैध तरीक़े से अचल संपत्ति अर्जित की।
और पढ़ें: क्या जनरल असीम मुनीर को मिलेगी और ताकत? पाकिस्तान में संविधान संशोधन की तैयारी
ज़ुबिन के दो निजी सुरक्षा कर्मियों नंदेश्वर बोरा और पारेश बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच में उनके बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन के रूप में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पाई गई है, जो इस केस से जुड़ी हो सकती है।
सभी आरोपी 11 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 दिसंबर से पहले आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा और यह मामला “हत्या” का है, “दुर्घटना” का नहीं।
जांच की निगरानी स्पेशल डीजी मुन्ना गुप्ता के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम कर रही है। सिंगापुर से प्राप्त पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर SIT ज़ुबिन गर्ग के अंतिम 48 घंटों की घटनाओं को जोड़ने की कोशिश कर रही है।
और पढ़ें: राहुल गांधी के ब्राज़ीलियन मॉडल विवाद पर हंगामा: महिला बोलीं — क्या पागलपन है ये