Apple ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसने 84 देशों के उपयोगकर्ताओं को एक नई साइबर खतरे की चेतावनी भेजी है। यह कदम कंपनी के उन निरंतर प्रयासों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को संभावित निगरानी व राज्य-समर्थित साइबर हमलों से बचाना है।
Apple उन कुछ टेक कंपनियों में शामिल है जो नियमित रूप से उपयोगकर्ताओं को चेतावनी जारी करती हैं जब उन्हें यह संदेह होता है कि किसी सरकारी एजेंसी या राज्य-समर्थित हैकर समूह ने उन्हें निशाना बनाया हो सकता है। 2 दिसंबर को भेजी गई इन चेतावनियों के बारे में Apple ने विस्तृत जानकारी साझा नहीं की। कंपनी ने यह नहीं बताया कि कितने उपयोगकर्ता प्रभावित हैं और न ही यह कि किस देश या समूह पर इस कथित निगरानी को अंजाम देने का संदेह है।
पहले भी Apple द्वारा जारी ऐसे साइबर अलर्ट कई देशों में सुर्खियों में रहे हैं। यूरोपीय संघ सहित कई सरकारी संस्थाओं ने Apple की चेतावनियों के बाद जांच शुरू की थी। कई वरिष्ठ यूरोपीय अधिकारियों को भी अतीत में Pegasus जैसे स्पाइवेयर के जरिए निशाना बनाया गया था, जिसके बाद इन चेतावनियों को लेकर गंभीरता और बढ़ गई है।
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Apple ने अपने बयान में कहा कि अब तक वह 150 से अधिक देशों के उपयोगकर्ताओं को इस तरह की साइबर चेतावनियाँ भेज चुका है। कंपनी का दावा है कि वह लगातार ऐसे उपकरण और सुरक्षा प्रणालियाँ विकसित कर रही है, जो उपयोगकर्ताओं को उच्च-स्तरीय निगरानी हमलों से सुरक्षित रखने में सक्षम हों।
Apple का कहना है कि वह “state-sponsored attackers” से निपटने के लिए लगातार उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल का उपयोग कर रहा है और उपयोगकर्ताओं को अपने उपकरण नियमित रूप से अपडेट रखने की सलाह देता है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, Apple के ये अलर्ट वैश्विक साइबर खतरों के बढ़ते दायरे को दर्शाते हैं, जो अब किसी भी देश के नागरिकों को प्रभावित कर सकते हैं।
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