प्रसिद्ध अभिनेता जगपति बाबू ने हाल ही में तेलुगु सिनेमा को लेकर उठ रही आलोचनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया और फिल्म समीक्षकों के एक वर्ग का कहना है कि तेलुगु फिल्मों में नेपोटिज़्म (भाई-भतीजावाद) के कारण नए टैलेंट को मौका नहीं मिलता और कहानियाँ उबाऊ होती जा रही हैं।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए जगपति बाबू ने साफ शब्दों में कहा, “अगर आपको फिल्में बोरिंग लगती हैं या आप सोचते हैं कि इसमें नेपोटिज़्म हावी है, तो मत देखिए। किसी को भी फिल्में देखने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में मेहनत और प्रतिभा का हमेशा सम्मान होता है और दर्शकों का प्यार ही तय करता है कि कौन टिकेगा। बाबू के अनुसार, हर फिल्म सफल नहीं हो सकती, लेकिन यह कहना गलत है कि पूरी इंडस्ट्री नेपोटिज़्म की वजह से खराब हो गई है।
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जगपति बाबू का यह बयान उस समय आया है जब हाल ही में कई चर्चित तेलुगु फिल्मों को मिश्रित या नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। आलोचकों का कहना है कि बड़े स्टार परिवारों के कलाकारों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे नए कलाकारों के लिए अवसर कम हो रहे हैं।
फिल्म उद्योग के कुछ अन्य सदस्यों ने भी बाबू के बयान का समर्थन किया और कहा कि दर्शकों के पास हमेशा विकल्प होता है कि वे किसे देखना चाहते हैं।
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