अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 24 पैसे गिरकर कमजोर हुआ। कारोबारी सूत्रों के अनुसार, आयातकों की महीने के अंत में बढ़ी डॉलर मांग और विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने से रुपये पर दबाव बना रहा।
बाजार के शुरुआती आंकड़ों में रुपया 83.22 प्रति डॉलर पर खुला, जो पिछले सत्र के 82.98 स्तर से 24 पैसे नीचे है। फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि आयातकों द्वारा डॉलर की बढ़ती खरीदारी और वैश्विक बाजार में अमेरिकी डॉलर की मजबूती रुपये की गिरावट का मुख्य कारण है।
विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार से पूंजी निकासी जारी रहने से भी स्थानीय मुद्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) हाल के दिनों में भारतीय बाजार से भारी मात्रा में धन निकाल रहे हैं, जिससे रुपये की कमजोरी बढ़ी है।
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वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में मजबूती देखी जा रही है, जिससे अन्य एशियाई मुद्राओं की तरह भारतीय रुपये पर भी दबाव बना है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में रुपये में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, खासकर जब तक विदेशी फंड का प्रवाह स्थिर नहीं होता।
विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये में अचानक तेज गिरावट को रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। हालांकि, डॉलर की लगातार मांग और बाहरी आर्थिक दबावों के कारण रुपये पर कमजोरी बनी रह सकती है।
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