भारतीय रुपया को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे गिरकर 86.88 पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) कारोबारियों का कहना है कि आयातकों की ओर से डॉलर की लगातार मांग बनी हुई है, जिससे डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले मजबूत बनी हुई है।
सुबह के कारोबार में रुपया 86.70 पर खुला था, लेकिन डॉलर की बढ़ती मांग और विदेशी फंड्स के बहिर्वाह के चलते यह धीरे-धीरे गिरकर 86.88 तक पहुंच गया। फॉरेक्स ट्रेडर्स का मानना है कि वैश्विक बाजारों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की ऊंची कीमतें भी रुपये पर दबाव डाल रही हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण डॉलर में मजबूती देखने को मिल रही है। इससे उभरते बाजारों की मुद्राओं, खासकर भारतीय रुपये पर नकारात्मक असर पड़ा है।
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इसके अलावा, घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी और व्यापार घाटे की चिंताओं ने भी रुपये पर दबाव डाला है। हालांकि, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा संभावित हस्तक्षेप से रुपये में बड़ी गिरावट की संभावना कम बताई जा रही है।
बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीतियों और विदेशी पूंजी प्रवाह की दिशा के आधार पर रुपये में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
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