भारतीय रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11 पैसे कमजोर होकर 87.29 पर आ गया। विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) कारोबारियों के अनुसार, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने रुपये को निचले स्तरों पर कुछ हद तक सहारा दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 87.20 पर खुला, लेकिन शुरुआती सौदों में यह 11 पैसे फिसलकर 87.29 प्रति डॉलर पर आ गया। कारोबारियों का कहना है कि विदेशी फंडों की निकासी और अमेरिकी डॉलर की वैश्विक मजबूती ने रुपये पर दबाव डाला।
हालांकि, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये के नुकसान को सीमित रखने में मदद की। ब्रेंट क्रूड की कीमतों में हाल के दिनों में नरमी आई है, जिससे भारत के आयात खर्चों में कमी का अनुमान है।
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विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में रुपया सीमित दायरे में कारोबार कर सकता है, लेकिन वैश्विक आर्थिक संकेतकों, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और विदेशी निवेश प्रवाह पर इसकी दिशा निर्भर करेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल में की गई मौद्रिक नीतियों और डॉलर की मांग में बदलाव भी रुपये की चाल पर असर डाल सकते हैं।
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