भारतीय रुपये में बुधवार को सुधार देखने को मिला, जहां यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 15 पैसे की मजबूती के साथ 87.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में घरेलू मुद्रा 87.72 पर खुली और दिनभर 87.63 से 87.80 के दायरे में कारोबार करती रही।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी पूंजी प्रवाह और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के कारण रुपये को सहारा मिला। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले निवेशकों में सतर्क आशावाद देखा गया।
दिनभर के कारोबार के दौरान रुपये में उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन अंततः यह पिछले बंद स्तर से 15 पैसे मजबूत होकर सेटल हुआ। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने से रुपये को मजबूती मिली।
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हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से जारी बिकवाली और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण रुपये पर दबाव बना रह सकता है। आने वाले दिनों में रुपये की दिशा काफी हद तक आरबीआई की मौद्रिक नीति के फैसलों और वैश्विक बाजारों में डॉलर की चाल पर निर्भर करेगी।
फॉरेक्स डीलरों ने बताया कि घरेलू इक्विटी बाजार में तेजी और निर्यातकों की डॉलर बिक्री ने भी रुपये को मजबूती देने में योगदान दिया।
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