विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) बाजार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे मजबूत होकर 86.24 पर पहुंच गया। यह बढ़त डॉलर के मुकाबले रुपये में हालिया सुधार और सकारात्मक घरेलू संकेतों के कारण देखी गई।
फॉरेक्स ट्रेडर्स के अनुसार, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता विदेशी मुद्रा बाजार पर हावी बनी हुई है, जिससे रुपये की ट्रेडिंग सीमित दायरे में हो रही है। हालांकि, आज के शुरुआती कारोबार में रुपया थोड़ा मजबूत हुआ, जिससे बाजार को कुछ राहत मिली।
एक्सचेंज मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक व्यापार समझौते को लेकर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियां, वैश्विक तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव, और डॉलर इंडेक्स की चाल भी रुपये की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा रही है।
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इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ 104.02 पर दर्ज किया गया। कच्चे तेल की कीमतों में भी हल्की गिरावट देखी गई, जिससे रुपये को समर्थन मिला।
विशेषज्ञों के मुताबिक, जब तक भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं होती, तब तक रुपये में बड़ी तेजी या गिरावट की संभावना कम है। अल्पकाल में रुपये का रुझान वैश्विक संकेतों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा।