लक्ज़री यानी ऐशो-आराम — पर अब यह शब्द किस चीज़ का प्रतीक है? एक आठ मिलियन पाउंड का Birkin बैग? या फिर सोशल मीडिया से लॉग आउट होना? शायद अब तो एक साधारण कॉटन हूडी ही ‘लक्ज़री’ कहलाती है — बशर्ते उस पर Balenciaga लिखा हो।
फैशन ब्रांड Balenciaga ने हाल ही में एक हूडी लॉन्च की है जिसकी कीमत है 1,590 पाउंड। यह हूडी Gwyneth Paltrow ने British Vogue के एक फोटोशूट में पहनी, जहां वह अपने शानदार मार्बल किचन में अनानास काटती दिखीं। लेकिन असली सवाल है — क्या यह व्यंग्य है या पाखंड?
इस डिज़ाइन के पीछे हैं Demna Gvasalia — वही डिज़ाइनर जिन्होंने कभी मिट्टी से सने जूते, टॉवल जैसी स्कर्ट और IKEA जैसी दिखने वाली बैग से फैशन जगत को चौंका दिया था। अब जब लक्ज़री मार्केट तीन साल की तेजी के बाद मंदी झेल रहा है, Balenciaga का यह कदम सवाल उठाता है — क्या ब्रांड “लक्ज़री” की धारणा को खुद ही तोड़ रहे हैं?
किंग्स्टन स्कूल ऑफ आर्ट की प्रोफेसर जाना शोल्ज़े कहती हैं, “दस साल पहले फैशन ब्रांड ‘Luxury’ शब्द से दूरी बनाते थे। अब वे खुद इसे पहनकर दिखा रहे हैं।” उनका मानना है कि यह नया दौर उन युवाओं का है जो ऑनलाइन संस्कृति में पले-बढ़े हैं और जिनके लिए दिखावटी सफलता ही नया सपना है।
वहीं, डॉ. जॉन आर्मिटेज़ बताते हैं कि “लक्ज़री” हमेशा विवादास्पद शब्द रहा है — प्लेटो से लेकर कार्ल मार्क्स तक, सबने इसे अलग-अलग रूप में देखा। आज के संदर्भ में इसका कोई निश्चित अर्थ नहीं है — यह एक “शेप शिफ्टर” है, जो वक्त और समाज के हिसाब से रूप बदलता रहता है।
Balenciaga का नया कलेक्शन शायद यह कह रहा है कि “क्वायट लक्ज़री” का दौर खत्म हो गया है। अब फिर वही चमक-दमक, लोगो का शोर, और दिखावे की दौड़ वापस आ गई है। सवाल सिर्फ इतना है — क्या अब भी यह “लक्ज़री” है, या सिर्फ एक बहुत महंगा मज़ाक?