बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अधिकतम दो चरणों में मतदान कराने पर सहमति व्यक्त की है। चुनावी प्रक्रिया को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
बीजेपी के बिहार अध्यक्ष ने विशेष रूप से महिला मतदान अधिकारियों की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान बुरका पहनने वाली महिला मतदाताओं की पहचान केवल महिला अधिकारियों द्वारा उनके मतदाता पहचान पत्र (Voter ID Card) के साथ चेहरा मिलाकर की जानी चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ वास्तविक मतदाता ही अपने मत का प्रयोग करें और कोई भी धोखाधड़ी न हो।
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय चुनाव की पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए लिया गया है। राजनीतिक दलों ने भी इस प्रक्रिया का समर्थन किया है ताकि मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और विवाद से बचा जा सके।
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विशेषज्ञों का मानना है कि दो चरणों में चुनाव कराने से प्रशासनिक व्यवस्था और सुरक्षा इंतजामों में सुधार होगा। साथ ही, महिला मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने से धोखाधड़ी रोकने और मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने में मदद मिलेगी।
चुनाव से जुड़े सभी पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस प्रक्रिया से यह भी संकेत मिलता है कि बिहार में मतदाता सुरक्षा और ईमानदारी को लेकर चुनाव आयोग और राजनीतिक दल गंभीर हैं।
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