अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने बुधवार (10 दिसंबर 2025) को आदेश दिया कि ट्रंप प्रशासन को लॉस एंजिल्स में तैनात कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड की तैनाती तुरंत समाप्त करनी होगी और सैनिकों का नियंत्रण राज्य सरकार को वापस देना होगा। यह आदेश कैलिफोर्निया के अधिकारियों द्वारा दायर याचिका पर दिया गया था, जिन्होंने राज्य के गवर्नर की मंजूरी के बिना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नेशनल गार्ड का उपयोग करने का विरोध किया था।
सैन फ्रांसिस्को स्थित यू.एस. डिस्ट्रिक्ट जज चार्ल्स ब्रेयर ने प्रारंभिक निषेधाज्ञा (इंजंक्शन) जारी की, लेकिन इसके प्रभाव को सोमवार (15 दिसंबर) तक रोक दिया।
कैलिफोर्निया ने तर्क दिया कि जून में तैनाती के समय लॉस एंजिल्स की स्थिति अब बदल चुकी है। पहले जहां 4,000 से अधिक सैनिक बुलाए गए थे, वहीं अक्टूबर के अंत तक यह संख्या कुछ सौ रह गई थी, और वर्तमान में लगभग 100 सैनिक ही लॉस एंजिल्स क्षेत्र में सक्रिय हैं।
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रिपब्लिकन प्रशासन ने तैनाती को फरवरी तक बढ़ा दिया था और साथ ही ऑरेगॉन के पोर्टलैंड जैसे अन्य डेमोक्रेट-शासित शहरों में भी नेशनल गार्ड भेजने का प्रयास किया था, जिसका स्थानीय सरकारों ने कड़ा विरोध किया।
न्याय विभाग के वकीलों का कहना था कि संघीय संपत्ति और अधिकारियों की सुरक्षा के लिए लॉस एंजिल्स में गार्ड की उपस्थिति आवश्यक है।
व्हाइट हाउस ने इस फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ट्रंप ने यह तैनाती उस समय की थी जब उनके सख्त आव्रजन कानूनों पर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी। यह पहली बार था जब किसी राज्य की नेशनल गार्ड बिना गवर्नर के अनुरोध के सक्रिय की गई।
कैलिफोर्निया ने मुकदमा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि राष्ट्रपति गार्ड को अपनी “निजी पुलिस” की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जो घरेलू मामलों में सेना की तैनाती पर कानूनी प्रतिबंधों का उल्लंघन है।
जज ब्रेयर ने सितंबर में फैसला दिया कि यह तैनाती कानून के खिलाफ है। अन्य अदालतें पहले ही पोर्टलैंड और शिकागो में तैनाती को रोक चुकी हैं।
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