राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, असम, राजस्थान और केरल में बच्चों के खिलाफ अपराधों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन राज्यों में पिछले वर्ष की तुलना में बाल शोषण, अपहरण, यौन अपराध और घरेलू हिंसा जैसे मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है।
असम में बच्चों के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जहां 2024 में 8,000 से अधिक मामले सामने आए। राजस्थान और केरल में भी ऐसे अपराधों के आंकड़े चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि मामलों की बढ़ती संख्या का अर्थ यह नहीं है कि अपराधों में वास्तविक रूप से उतनी ही वृद्धि हुई है; बल्कि यह बेहतर रिपोर्टिंग प्रणाली और लोगों की बढ़ती जागरूकता का परिणाम भी हो सकता है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बाल यौन शोषण से संबंधित मामलों में पोक्सो अधिनियम (POCSO Act) के तहत दर्ज मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई राज्यों में पुलिस और बाल संरक्षण इकाइयों ने बच्चों से जुड़े अपराधों की रिपोर्टिंग को आसान बनाने के लिए विशेष हेल्पलाइन और त्वरित कार्रवाई तंत्र स्थापित किए हैं।
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सरकारी अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि समाज अब बच्चों के प्रति अपराधों को छिपाने के बजाय खुलकर सामने ला रहा है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चेताया गया है कि कई ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में ऐसे अपराध अब भी रिपोर्ट नहीं किए जाते।
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