उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू हो गया है। संसद में हाल ही में चली लंबी बहसों के बाद अब यूपी विधानसभा में ‘वंदे मातरम्’ पर पांच घंटे की विशेष चर्चा आयोजित किए जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। यह बहस राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित की जा रही है और इसके सोमवार, 22 दिसंबर को होने की संभावना है।
इस विशेष चर्चा का निर्णय गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में हुई कार्य सलाहकार समिति (बिजनेस एडवाइजरी कमेटी) की बैठक और उसके बाद आयोजित सर्वदलीय बैठक में लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। पहले इस विषय पर चार घंटे की चर्चा का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर पांच घंटे कर दिया गया।
यह बहस ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब हाल ही में राज्य सरकार ने सभी स्कूलों और कॉलेजों में ‘वंदे मातरम्’ के गायन को अनिवार्य करने का निर्देश जारी किया है। इसी वजह से इस चर्चा को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर व्यापक रुचि देखी जा रही है।
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सरकार का कहना है कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि देश की स्वतंत्रता, एकता और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस पर विस्तृत चर्चा के जरिए इसके ऐतिहासिक महत्व और समकालीन प्रासंगिकता को रेखांकित किया जाएगा।
विपक्षी दलों ने भी इस चर्चा में भाग लेने की सहमति जताई है, हालांकि कुछ दलों की ओर से इसे लेकर सवाल और आपत्तियां भी सामने आ सकती हैं। विधानसभा सूत्रों के अनुसार, बहस के दौरान सभी दलों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय दिया जाएगा, ताकि यह चर्चा व्यापक और संतुलित हो सके।
शीतकालीन सत्र के दौरान अन्य महत्वपूर्ण विधायी और नीतिगत मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है, लेकिन ‘वंदे मातरम्’ पर प्रस्तावित पांच घंटे की बहस को इस सत्र का प्रमुख एजेंडा माना जा रहा है।
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