तेलंगाना में हाल ही में हुई एक शिशु की मौत को लेकर सामने आई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि यह घटना पोलियो टीकाकरण से संबंधित नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शिशु की मौत दम घुटने (asphyxia) के कारण हुई थी, न कि किसी वैक्सीन की प्रतिक्रिया से।
मामला नलगोंडा जिले का है, जहां एक छह माह के बच्चे की मौत पोलियो ड्रॉप लेने के कुछ घंटे बाद हो गई थी। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय और अफवाह फैल गई थी कि बच्चे की मौत वैक्सीन के साइड इफेक्ट से हुई है। हालांकि, जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने तुरंत जांच शुरू की और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि की कि बच्चे की सांस रुकने के कारण मृत्यु हुई थी।
अधिकारियों ने बताया कि उस दिन उसी केंद्र पर टीकाकरण करवाने वाले अन्य सभी बच्चों की हालत सामान्य है और किसी में भी किसी तरह की जटिलता नहीं देखी गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञों की एक टीम को जांच के लिए भेजा था, जिसने पुष्टि की कि पोलियो वैक्सीन की गुणवत्ता और वितरण प्रक्रिया में कोई खामी नहीं पाई गई।
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स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और अपने बच्चों का नियमित टीकाकरण जारी रखें, क्योंकि पोलियो उन्मूलन अभियान देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि टीकाकरण अभियान पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी रहे।
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