यमन में मृत्युदंड की सजा का सामना कर रही मलयाली नर्स निमिषा प्रिया की सजा माफी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में एएनआई द्वारा किए गए एक ट्वीट को डिलीट करने के बाद कंठापुरम अबूबकर मुसलियार के सोशल मीडिया हैंडल से भी यह जानकारी गायब हो गई, जिससे मामले में भ्रम और अटकलें तेज हो गईं।
कंठापुरम ने दावा किया था कि यमन सरकार ने निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी है। इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। लेकिन कुछ समय बाद एएनआई ने इस ट्वीट को हटा दिया, जिससे लोगों को लगा कि यह खबर झूठी थी या इसे नकार दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, एएनआई का ट्वीट हटाने का कारण यह था कि आधिकारिक स्तर पर इस दावे की पुष्टि नहीं हो पाई थी। यमन में यह मामला जटिल बना हुआ है क्योंकि मृतक के परिवार द्वारा अब तक औपचारिक रूप से माफी नहीं दी गई है। इसलिए सजा में किसी तरह की छूट या माफी पर अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है।
और पढ़ें: यमन ने निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द की: कांथापुरम का दावा
भारतीय सरकारी अधिकारियों ने भी कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अभी कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया जा सकता। हालांकि, वे निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए लगातार कानूनी और राजनयिक प्रयास कर रहे हैं।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया पर फैल रही खबरों को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। आधिकारिक पुष्टि के बिना किसी भी सूचना पर भरोसा करना गलतफहमी पैदा कर सकता है।
और पढ़ें: सुबह की बड़ी ख़बरें: भारत-पाक युद्धविराम पर जयशंकर का बयान; यमन में भारतीय नर्स की मौत की सजा रद्द होने का दावा और अन्य प्रमुख समाचार