नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मंगलवार (16 दिसंबर, 2025) को दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि एयरलाइन इंडिगो नए पायलट विश्राम और ड्यूटी मानकों को 10 फरवरी से पहले प्रभावी रूप से लागू कर देगी। यह जानकारी उस समय दी गई जब नियामक संस्था ने इंडिगो को इन नियमों के पालन के लिए 10 फरवरी तक अस्थायी छूट प्रदान की है।
यह मामला उस अवमानना याचिका से जुड़ा है, जिसे एक पायलट संगठन ने दायर किया है। याचिका में DGCA पर विभिन्न एयरलाइनों को नए नियमों से छूट देने को लेकर कार्रवाई की मांग की गई है। इस याचिका पर न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान DGCA ने स्पष्ट किया कि ये छूट “खुशी-खुशी नहीं दी गईं”, बल्कि परिचालन संबंधी मजबूरियों को देखते हुए अस्थायी रूप से दी गई हैं।
DGCA ने अदालत को बताया कि नए पायलट ड्यूटी और विश्राम नियमों के लागू होने से उड़ान संचालन पर व्यापक असर पड़ा है। बीते समय में परिचालन बाधाओं के कारण 5,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। ऐसे हालात में, एयरलाइनों को अचानक नियमों के सख्त अनुपालन के लिए मजबूर करना व्यावहारिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो गया।
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हालांकि, नियामक ने यह भी दोहराया कि उड़ान सुरक्षा और पायलटों की थकान को कम करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। DGCA ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इंडिगो सहित सभी संबंधित एयरलाइनों को नए नियमों के अनुरूप ढलने के लिए समयबद्ध योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं और 10 फरवरी के बाद किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।
पायलट ड्यूटी और विश्राम से जुड़े ये नए मानक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप तैयार किए गए हैं, ताकि पायलटों की कार्य स्थितियों में सुधार हो और उड़ान सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके। DGCA के इस बयान के बाद हाईकोर्ट ने मामले की आगे की सुनवाई निर्धारित की है।
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