असम सरकार गोलाघाट जिले में एक बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत लगभग 2,000 परिवार प्रभावित होंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन ने इस अभियान की विस्तृत योजना तैयार कर ली है और जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, जिन लोगों को अतिक्रमणकारी बताया गया है, उनमें से कई नागांव, मोरीगांव और सोनितपुर जिलों से आए हैं। इनमें से अधिकांश लोग अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित बताए जा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यह अभियान सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए चलाया जा रहा है।
राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि बेदखली प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या अव्यवस्था को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। अभियान को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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पिछले कुछ वर्षों में असम में इस तरह की कई बड़े पैमाने की बेदखली कार्रवाइयां हुई हैं, जिनमें हजारों परिवार विस्थापित हुए हैं। सरकार का दावा है कि ये कदम अवैध कब्जों को हटाने और विकास परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए जरूरी हैं, जबकि विपक्ष और मानवाधिकार संगठन इन अभियानों को अल्पसंख्यक समुदायों को लक्षित करने वाला कदम बताते हैं।
गोलाघाट में होने वाला यह आगामी अभियान राज्य के सबसे बड़े बेदखली प्रयासों में से एक माना जा रहा है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को पहले ही नोटिस जारी कर दिया है और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था करने की सलाह दी है।
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