बांग्लादेश में एक बार फिर बढ़ती अशांति के बीच चुनाव आयोग (ईसी) ने अपने प्रमुख, अन्य आयुक्तों और अधिकारियों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। यह कदम उस घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें आगामी संसदीय चुनाव के एक उम्मीदवार और पिछले साल के हिंसक जनआंदोलन ‘जुलाई विद्रोह’ के अग्रणी नेता को गोली मार दी गई।
The Indian Witness के अनुसार, चुनाव आयोग ने शनिवार देर रात (13 दिसंबर 2025) पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को पत्र लिखकर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी), चुनाव आयुक्तों और ईसी सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। आयोग ने आगामी 13वें राष्ट्रीय चुनाव से पहले अपने फील्ड-स्तरीय कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की है। गुरुवार (11 दिसंबर 2025) को चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद दक्षिण-पूर्वी लक्ष्मीपुर और दक्षिण-पश्चिमी पीरोजपुर में चुनाव आयोग के दो कार्यालयों पर अज्ञात लोगों ने हमला किया था।
चुनाव आयोग ने सीईसी के लिए एक अतिरिक्त एस्कॉर्ट वाहन की मांग की है। फिलहाल उनके पास एक पुलिस एस्कॉर्ट वाहन उपलब्ध है। साथ ही, चारों चुनाव आयुक्तों और वरिष्ठ सचिव के लिए 24 घंटे पुलिस सुरक्षा की मांग की गई है। आयोग ने कहा कि यह कदम “तत्काल और आवश्यक” है, क्योंकि इसके 10 क्षेत्रीय कार्यालयों, 64 जिला कार्यालयों और 522 उप-जिला कार्यालयों में महत्वपूर्ण दस्तावेज और चुनाव सामग्री रखी जानी है।
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गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर को घोषणा की थी कि संसदीय चुनाव 12 फरवरी 2026 को होंगे। इसके एक दिन बाद राजधानी के एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अभियान शुरू करते समय शरीफ उस्मान हादी को नजदीक से सिर में गोली मार दी गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। हादी कट्टर दक्षिणपंथी सांस्कृतिक संगठन ‘इंक़िलाब मंच’ के प्रमुख हैं और पिछले साल छात्र-नेतृत्व वाले हिंसक आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं।
इस हमले के बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भी सभी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। सरकार ने शनिवार को देशव्यापी सुरक्षा अभियान ‘ऑपरेशन डेविल हंट-2’ शुरू करने का आदेश दिया और उम्मीदवारों को आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस देने का आश्वासन दिया है।
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