G20 शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में रविवार (23 नवंबर 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक वैश्विक समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डीपफेक, अपराध और आतंकवादी गतिविधियों में AI का दुरुपयोग वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है, इसलिए इस पर सख्त अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लागू किए जाने चाहिए।
पीएम मोदी ने भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका (IBSA) नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब दुनिया विभाजित और बिखरी हुई दिखाई दे रही है, तब IBSA एकजुटता, सहयोग और मानवता का संदेश देने की क्षमता रखता है। उन्होंने तीनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर साझा नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया।
शिखर सम्मेलन के दौरान, मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, खनन, क्रिटिकल मिनरल्स, AI, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मोदी ने कहा कि भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी को और अधिक विविध और सुदृढ़ बनाने पर सहमति बनी है।
और पढ़ें: व्हाइट हाउस: दक्षिण अफ्रीका ने G20 के मूल सिद्धांतों को कमजोर किया
इस बीच, दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रपति रामाफोसा अगले वर्ष की G20 अध्यक्षता किसी अमेरिकी दूतावास प्रतिनिधि को नहीं सौंपेंगे। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस वर्ष के G20 सम्मेलन में शामिल न होने के बाद लिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका ने कहा कि G20 की अध्यक्षता केवल सदस्य देशों के प्रमुखों के बीच हस्तांतरित की जाती है और यह परंपरा जारी रहेगी।
और पढ़ें: अफ्रीका में पहला G20 शिखर सम्मेलन शुरू, अमेरिका ने किया बहिष्कार