भारत के एक लॉबिस्ट, जिनकी फीस $1.8 मिलियन है, ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हाल ही में मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने और व्यापार प्रतिबंधों की नीति अपनाई थी, खासकर रूस से तेल आयात पर और अन्य व्यापारिक मुद्दों पर।
विशेषज्ञों का कहना है कि लॉबिस्ट की यह बैठक भारत की व्यापारिक और कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। लॉबिस्ट ने अमेरिकी प्रशासन के उच्च अधिकारियों से वार्ता कर भारत के आर्थिक हितों और व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में भारत के लिए संभावित व्यापारिक बाधाओं को कम करना और निवेश एवं निर्यात को सुगम बनाना बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉबिस्ट ने ट्रंप प्रशासन को यह आश्वासन दिया कि भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने और सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में टैरिफ, व्यापार नीतियां और ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
और पढ़ें: पीएम मोदी ने कहा – ट्रंप के सकारात्मक आकलन का भारत पूर्ण समर्थन करता है
यह कदम भारत के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है। लॉबिस्ट की भूमिका दोनों देशों के बीच संवाद और समझ को आसान बनाने में महत्वपूर्ण रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीनों में इस बैठक के परिणामों का असर भारत-अमेरिका के व्यापार और निवेश संबंधों पर देखा जा सकता है। यह कदम भारत की वैश्विक व्यापार नीति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
और पढ़ें: ट्रंप ने कहा– मोदी के साथ हमेशा रहूंगा मित्र, भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर चिंता की बात नहीं