केरल उच्च न्यायालय ने अभिनेता मोहनलाल के ठिवेरा, कोची स्थित आवास में 2011 में रखी गई हाथी दांत (Ivory) की वस्तुओं के स्वामित्व प्रमाणपत्रों (Ownership Certificates) को “अवैध और लागू न होने योग्य” घोषित किया।
यह आदेश हाईकोर्ट की डिविजन बेंच जस्टिस A.K. जयशंकरन नम्बियार और जस्टिस जॉबिन सेबेस्टियन ने पारित किया। मामला जनहित याचिका (PIL) के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें पूर्व वन अधिकारी जेम्स मैथ्यू और एर्नाकुलम के पौलोस A.A. ने मोहनलाल को दी गई स्वामित्व की वैधता पर सवाल उठाया था।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि हाथी दांत की इन वस्तुओं का स्वामित्व केवल वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के नियमों के तहत ही तय किया जा सकता है और मौजूदा प्रमाणपत्रों में प्रक्रियागत त्रुटियां थीं।
और पढ़ें: भारतीय सेना प्रमुख से सम्मान पाकर मोहनलाल बोले — यह गर्व और कृतज्ञता का क्षण है
हालांकि, उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के पास वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 44 के तहत नए नोटिफिकेशन जारी करने की स्वतंत्रता है, जिससे राज्य सरकार आवश्यकता अनुसार नए आदेश जारी कर सकती है।
इस फैसले के बाद मोहनलाल और केरल सरकार दोनों को झटका लगा है, क्योंकि लंबे समय से यह मामला विवाद का केंद्र रहा। राज्य सरकार को अब नए दिशानिर्देशों और नियमों के तहत संपत्ति के स्वामित्व को वैध बनाने के उपाय करने होंगे।
और पढ़ें: वाटर बॉटल विवाद: केरल हाईकोर्ट ने KSRTC ड्राइवर के ट्रांसफर को रद्द किया