मॉस्को ने चेतावनी दी है कि रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच होने वाली संभावित बैठक को विफल करने के लिए “विशाल प्रयास” किए जा रहे हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रम्प ने हाल ही में कहा था कि रूस और यूक्रेन तीन साल छह महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए युद्धविराम समझौते के करीब है।
रूसी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतें इस बैठक को रोकने और रूस-यूक्रेन संकट के कूटनीतिक समाधान को बाधित करने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार, इस प्रकार के प्रयास न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं बल्कि वैश्विक शांति प्रक्रिया पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने बयान में दावा किया था कि उनके मध्यस्थता प्रयासों के चलते दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौते की दिशा में ठोस प्रगति हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो यह समझौता लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त कर सकता है।
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विश्लेषकों का मानना है कि यदि पुतिन-ट्रम्प बैठक सफल होती है तो यह न केवल रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मददगार होगी, बल्कि रूस-अमेरिका संबंधों में भी एक नया मोड़ ला सकती है। हालांकि, मॉस्को का कहना है कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए “अभूतपूर्व स्तर” पर राजनीतिक और मीडिया अभियानों का सहारा लिया जा रहा है।
मॉस्को ने दोहराया कि वह बातचीत और कूटनीति के जरिए संघर्ष के समाधान के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए निष्पक्ष और रचनात्मक माहौल जरूरी है।
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