पोलैंड के हवाई क्षेत्र में रूसी ड्रोन के प्रवेश के बाद NATO ने आपात बैठक बुलाई। यह बैठक इस घटना के तुरंत बाद आयोजित की गई, जिसमें सदस्य देशों ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और संभावित प्रतिक्रियाओं पर चर्चा की।
पोलिश अधिकारियों ने बताया कि रात के समय कई रूसी ड्रोन ने पोलिश हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। इन ड्रोन में से कुछ को तुरंत हवाई सुरक्षा बलों द्वारा निशाना बनाया गया और मार गिराया गया। पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने इसे "बड़ी पैमाने पर उकसावा" करार दिया।
NATO की बैठक में सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के उपायों पर जोर दिया। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि ऐसे हवाई उल्लंघनों को कैसे रोका जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार की जाए।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना NATO और रूस के बीच तनाव बढ़ाने वाली है। हालांकि, बैठक में सभी सदस्य देशों ने संयम और कूटनीतिक संवाद के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित करने पर सहमति जताई।
पोलैंड के साथ-साथ NATO ने यह भी तय किया कि सुरक्षा निगरानी और हवाई क्षेत्र की रक्षा को और मजबूत किया जाएगा। यह घटना यूरोप में सुरक्षा और सैन्य तैयारियों के महत्व को उजागर करती है।
सुरक्षा विश्लेषकों के अनुसार, यह बैठक NATO के लिए एक संकेत है कि रूस के बढ़ते उकसावे और सीमा उल्लंघनों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। पोलैंड और NATO सदस्य देशों ने अपने नागरिकों और सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकल्प भी जताया।
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