पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा है कि उनका देश अफगानिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह बातचीत केवल वैध और सम्मानजनक शर्तों के अंतर्गत ही होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के हितों की रक्षा करते हुए ही किसी वार्ता में भाग लेगा।
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से 48 घंटे की अस्थायी युद्धविराम की मांग की थी, जिसे पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद सीमा पर शांतिपूर्ण स्थिति सुनिश्चित की गई। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि अब यह निर्णय काबुल की अदालत में है कि वह इस मामले को शांति और समझौते के माध्यम से कैसे हल करती है।
शाहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना और दोनों देशों के बीच भरोसेमंद और संतुलित संबंध स्थापित करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बातचीत तभी सफल हो सकती है जब सभी पक्ष सम्मान और कानूनी आधार का पालन करें और किसी भी तरह की अनुचित मांग से बचें।
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विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम अफगानिस्तान के साथ संवाद और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में सकारात्मक संकेत है। हालांकि, बातचीत की शर्तों को पाकिस्तान की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप रखा जाएगा।
इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि सीमा पर तनाव कम होगा और दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य तनाव को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही यह क्षेत्र में स्थिरता, आर्थिक विकास और आपसी सहयोग के अवसर भी बढ़ाएगा।
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