ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू ने अपने सभी शाही उपाधियों और सम्मान को छोड़ने का ऐलान कर दिया है। अब वह "ड्यूक ऑफ यॉर्क", "अर्ल ऑफ इनवर्नेस", और "बैरोन किलीलघ" जैसी उपाधियों का उपयोग नहीं कर सकेंगे और अपने नाम के पीछे "केजी" (नाइट ऑफ द गार्टर) भी नहीं जोड़ सकेंगे। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रिंस एंड्रयू लगातार विवादों और स्कैंडलों में घिरे हुए थे। उन्होंने अपने निर्दोष होने का दावा किया है और सभी आरोपों से इंकार किया है, लेकिन शाही परिवार और सार्वजनिक दबाव ने उन्हें इस कदम की ओर अग्रसर किया।
शाही सूत्रों के अनुसार, प्रिंस एंड्रयू के जेफ्री एपस्टीन के साथ संबंधों और उनके वित्तीय और निजी मामलों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। हाल ही में प्रकाशित ईमेल और वर्जीनिया गियुफ्रे की पुस्तक ने उनके विवादों को और बढ़ा दिया। शाही परिवार के लिए यह स्थिति असहनीय हो गई थी, खासकर जब आगामी राज्य यात्राओं और सार्वजनिक आयोजनों में उनके विवादों का असर पड़ रहा था। पैलेस ने यह सुनिश्चित किया कि प्रिंस एंड्रयू स्वेच्छा से उपाधियां छोड़ें, ताकि संसद के हस्तक्षेप की आवश्यकता न पड़े। यह कदम उनके लिए एक ‘संरक्षित निकलने का रास्ता’ भी साबित हुआ।
प्रिंस एंड्रयू अब शाही समारोहों में भाग नहीं लेंगे और उनका शाही जीवन धीरे-धीरे पीछे छूट जाएगा। हालांकि, उनके द्वारा उपाधियों को छोड़ने का मतलब यह नहीं कि सवाल और विवाद खत्म हो गए हैं। अमेरिकी जांच और दस्तावेजों से जुड़े मामले अभी भी खुलासे के चरण में हैं। यह कदम शाही परिवार की प्रतिष्ठा बचाने और प्रिंस एंड्रयू को सार्वजनिक दबाव से सुरक्षित निकालने का एक प्रयास है। उनके बच्चे अब भी राजकुमारी की उपाधियों का उपयोग कर सकेंगे, और एंड्रयू निजी जीवन में अपना रास्ता तय करेंगे।
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