रूस के विदेश मंत्रालय ने 18 नवंबर को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के प्रधानमंत्री ली छियांग के बीच हुई बैठक को दोनों देशों के संबंधों का “अब तक का सर्वश्रेष्ठ दौर” बताया। मंत्रालय ने X पर लिखा कि रूस-चीन की व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग नई ऊँचाइयों को छू रहा है और अपने इतिहास के सर्वोत्तम काल में प्रवेश कर चुका है।
बैठक में पुतिन और ली ने कूटनीतिक, सामरिक और आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। पुतिन ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में रूस और चीन की निकट सहभागिता ने इसे बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बना दिया है और ग्लोबल साउथ के देशों को इससे जोड़ने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष सरकार प्रमुखों की परिषद के स्तर पर किए गए प्रयास चीन की अध्यक्षता के दौरान हुई सफल बैठक के साथ “स्वाभाविक रूप से पूरक” रहे।
पुतिन ने अपने पुराने दौरों को याद करते हुए राष्ट्रपति शी चिनफिंग से हुई मुलाकातों का भी जिक्र किया और ली से शी चिनफिंग को अपनी शुभकामनाएँ देने को कहा। उन्होंने दोहराया कि रूस-चीन संबंध समानता, पारस्परिक लाभ और एक-दूसरे के मुख्य हितों पर समर्थन के सिद्धांतों पर आधारित हैं और “किसी के खिलाफ नहीं” हैं।
और पढ़ें: न्यूयॉर्क में भारतीय दूतों के साथ जयशंकर की बैठक: भारत–अमेरिका संबंधों का व्यापक मूल्यांकन
आर्थिक मोर्चे पर पुतिन ने बताया कि 2024 में द्विपक्षीय व्यापार ने रिकॉर्ड स्तर हासिल किया। ऊर्जा, उद्योग, अंतरिक्ष, कृषि और तकनीकी क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से आर्थिक साझेदारी को और गहरा करने पर जोर दिया गया। 2026–27 को रूस-चीन ‘शिक्षा वर्ष’ घोषित किए जाने को उन्होंने एक “समयानुकूल और सकारात्मक पहल” बताया।
मानवीय और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी चर्चा हुई। चीन द्वारा रूसियों के लिए वीज़ा-फ्री प्रवेश लागू किए जाने का स्वागत करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस भी जल्द ही चीनी नागरिकों के लिए समान कदम उठाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच यात्रा, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
और पढ़ें: भूटान के दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी, चौथे राजा के 70वें जन्मदिन समारोह में होंगे शामिल