दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री 17 और 18 सितंबर को चीन की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। इस दौरे को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों और बढ़ते तनाव के बीच बेहद अहम माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक, सुरक्षा तथा क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा करना होगा। दोनों देशों के बीच व्यापार और सुरक्षा सहयोग हमेशा से ही एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के लिए अहम रहा है।
जानकारी के अनुसार, शीर्ष कोरियाई अधिकारियों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 31 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। यह सम्मेलन न केवल आर्थिक सहयोग बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक संतुलन का भी एक बड़ा मंच साबित होगा।
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विश्लेषकों का मानना है कि विदेश मंत्री की यह चीन यात्रा आने वाले APEC सम्मेलन की तैयारियों का हिस्सा भी है। चीन और अमेरिका, दोनों ही एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख शक्तियां हैं, और दक्षिण कोरिया की कोशिश है कि वह दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग का सेतु बने।
दक्षिण कोरिया की यह पहल ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है और क्षेत्रीय तनाव बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह दौरा और आगामी APEC सम्मेलन एशिया-प्रशांत की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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