ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने अमेरिका में तैनात ब्रिटिश राजदूत को उनके जेफ्री एप्सटीन से जुड़े विवादित संबंधों के कारण पद से हटा दिया है। यह फैसला उस समय लिया गया जब राजदूत पीटर मंडेलसन के एप्सटीन से जुड़ाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े होने लगे।
सूत्रों के अनुसार, मंडेलसन की एप्सटीन से पुरानी जान-पहचान पहले से ही ज्ञात थी, लेकिन इसके बावजूद कुछ महीनों पहले उन्हें वाशिंगटन में राजदूत की अहम भूमिका के लिए नियुक्त किया गया था। अब, इस मामले ने राजनीतिक और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर हलचल पैदा कर दी है।
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि सरकार किसी भी ऐसे व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर नहीं रख सकती, जिसके ऊपर नैतिकता और पारदर्शिता को लेकर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हों। उन्होंने साफ किया कि ब्रिटेन की विदेश नीति और कूटनीतिक संबंधों में उच्च मानकों का पालन अनिवार्य है।
और पढ़ें: एंजेला रेयनर के इस्तीफे के बाद डेविड लैमी बने ब्रिटेन के उपप्रधानमंत्री
इस फैसले ने ब्रिटेन की राजनीति में बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने सरकार से पूछा है कि जब एप्सटीन से जुड़े संबंध पहले से ही सामने थे, तो आखिरकार मंडेलसन को नियुक्त क्यों किया गया। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सरकार की “नैतिक सख्ती” को दिखाने का प्रयास है, खासकर तब जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर ब्रिटेन की छवि दांव पर हो।
एप्सटीन मामला लंबे समय से वैश्विक स्तर पर विवाद का विषय बना हुआ है, और इससे जुड़े किसी भी नाम का राजनीतिक असर तुरंत महसूस होता है। मंडेलसन की बर्खास्तगी इसी कड़ी का हिस्सा मानी जा रही है।
और पढ़ें: अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए भारत-फ्रांस मिलकर बनाएंगे स्वदेशी जेट इंजन