अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार, 10 दिसंबर 2025 को अपने बहुचर्चित “गोल्ड कार्ड” कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत की घोषणा की। इस कार्यक्रम के तहत कोई भी व्यक्ति 1 मिलियन डॉलर चुकाकर अमेरिका में वैध आव्रजन स्थिति और आगे चलकर नागरिकता प्राप्त कर सकेगा, जबकि कंपनियों को प्रति विदेशी कर्मचारी के लिए 2 मिलियन डॉलर खर्च करने होंगे।
व्हाइट हाउस के रूजवेल्ट रूम में व्यापारिक नेताओं के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए ट्रम्प ने बताया कि आवेदन स्वीकार करने वाली वेबसाइट लाइव हो चुकी है। यह नया वीज़ा EB-5 कार्यक्रम की जगह लेने वाला है, जिसे 1990 में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए बनाया गया था। EB-5 के तहत निवेशकों को लगभग 1 मिलियन डॉलर किसी ऐसी कंपनी में निवेश करना होता था जो कम से कम 10 लोगों को रोजगार देती हो।
ट्रम्प का कहना है कि यह नया कार्यक्रम अमेरिकी सरकार के लिए राजस्व बढ़ाएगा और विश्वभर से “श्रेष्ठ प्रतिभा” को आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम से जुटाई गई सारी धनराशि अमेरिकी कोषागार विभाग में जाएगी और इससे देश के लिए “सकारात्मक कार्य” किए जाएंगे।
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उन्होंने यह भी कहा कि कई अमेरिकी कंपनियों को विदेशी विद्यार्थियों को भर्ती करने में कठिनाई होती है, क्योंकि उनके पास अमेरिका में रहने की अनुमति नहीं होती। गोल्ड कार्ड इस समस्या का समाधान कर सकता है।
वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि प्रत्येक आवेदक की पृष्ठभूमि जांच के लिए 15,000 डॉलर का शुल्क होगा और जांच प्रक्रिया बेहद कठोर होगी ताकि केवल योग्य लोग ही प्रवेश पा सकें।
दुनिया के कई देशों—जैसे यूके, कनाडा, इटली, स्पेन—में इसी तरह के “गोल्डन वीज़ा” कार्यक्रम पहले से उपलब्ध हैं। ट्रम्प ने कहा कि यह पहल अमेरिका को दुनिया से श्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने में मदद करेगी, जिसमें चीन, भारत और फ्रांस के शीर्ष स्नातक भी शामिल हैं।
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