अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव के बीच एक बड़ा कूटनीतिक घटनाक्रम सामने आ सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल अक्टूबर 30 से नवंबर 1 के बीच होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन से पहले चीन की यात्रा कर सकते हैं। यदि यह संभव न हो, तो संभावना है कि वह दक्षिण कोरिया में सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करें।
ट्रंप प्रशासन और बीजिंग के बीच चल रही व्यापार वार्ता, विशेष रूप से टैरिफ को लेकर, पिछले कुछ महीनों से चर्चा में है। ट्रंप ने लगभग सभी विदेशी वस्तुओं पर अमेरिकी आयातकों को टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है, यह कहते हुए कि इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, आलोचकों का मानना है कि इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुएं महंगी हो जाएंगी।
ट्रंप ने सभी देशों से आयात पर 10% की आधार दर से टैरिफ लगाने की बात कही है, जबकि चीन जैसे "समस्या वाले" देशों पर यह दर 55% तक पहुंच चुकी है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने अमेरिका और चीन के बीच एक स्थायी टैरिफ समझौते के लिए 12 अगस्त की समयसीमा तय की है।
इस बीच, 11 जुलाई को मलेशिया में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बैठक को दोनों पक्षों ने "सकारात्मक और रचनात्मक" बताया। उसी समय रुबियो ने बताया कि ट्रंप को चीन आमंत्रित किया गया है और दोनों नेताओं की इस साल बैठक की "उच्च संभावना" है।
पिछले हफ्ते चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ ने भी कहा कि चीन अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को स्थिर धरातल पर लाना चाहता है और हाल ही में यूरोप में हुई बातचीतों ने साबित किया है कि टैरिफ युद्ध की आवश्यकता नहीं है।
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की यह संभावित बैठक व्यापार जगत और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।