उबर टेक्नोलॉजीज अपनी रोबोटैक्सी सेवाओं के विस्तार के लिए कई प्रमुख बैंकों और प्राइवेट इक्विटी फर्मों से फंडिंग को लेकर बातचीत कर रही है। कंपनी का उद्देश्य स्वायत्त (autonomous) वाहनों के माध्यम से अपनी सेवा को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराना है, जिससे मानव चालकों पर निर्भरता कम हो और ऑपरेटिंग कॉस्ट में भारी कमी आए।
जानकारों का मानना है कि यदि रोबोटैक्सी सेवा को बड़े स्तर पर लागू किया जाता है, तो यह उबर के व्यवसाय मॉडल में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। वर्तमान में उबर अपनी सेवाओं में मुख्य रूप से मानव चालकों पर निर्भर है, जिससे लागत अधिक रहती है। रोबोटैक्सी तकनीक के जरिए न केवल यह लागत घटेगी बल्कि लाभप्रदता (profitability) भी तेजी से बढ़ेगी।
उबर पहले से ही विभिन्न तकनीकी साझेदारों के साथ ऑटोनॉमस वाहन विकसित कर रही है और अमेरिका के कुछ हिस्सों में सीमित स्तर पर इनका परीक्षण चल रहा है। अब कंपनी इस सेवा को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने के लिए फंडिंग जुटाने की कोशिश में है।
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सूत्रों के अनुसार, उबर इस परियोजना के लिए सैकड़ों मिलियन डॉलर जुटा सकती है, जिसे वह R&D, तकनीकी अधोसंरचना और नियामक अनुपालन में निवेश करेगी।
हालांकि, रोबोटैक्सी सेवा को लेकर कुछ नियामक और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बनी हुई हैं। कई देशों में अभी स्वायत्त वाहनों के लिए स्पष्ट नियम नहीं हैं, जिससे इसकी वैश्विक तैनाती में चुनौतियाँ आ सकती हैं।
लेकिन यदि उबर यह फंडिंग सुरक्षित कर लेती है और नियामक बाधाओं को पार कर जाती है, तो यह परियोजना न केवल उसके लिए बल्कि पूरे परिवहन उद्योग के लिए एक बड़ी छलांग साबित हो सकती है।
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