संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल के हफ्तों में कैरेबियाई क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को काफी बढ़ा दिया है, जो दशकों में सबसे बड़ी तैनाती मानी जा रही है। पिछले महीने के अंत में, पेंटागन ने अपने सबसे आधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर ‘यूएसएस जेराल्ड फोर्ड’ को कैरेबियन क्षेत्र की ओर भेजा, जिसमें लगभग 5,000 सैनिक मौजूद हैं।
अमेरिकी प्रशासन ने यह कदम वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के खिलाफ अपने अभियान के तहत उठाया है। 7 अगस्त को अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने घोषणा की कि ट्रंप प्रशासन ने मादुरो की गिरफ्तारी से जुड़ी सूचना देने वालों के लिए इनाम को बढ़ाकर 5 करोड़ डॉलर कर दिया है। अमेरिका ने मादुरो पर “दुनिया के सबसे बड़े नार्को-तस्करों में से एक” होने का आरोप लगाया है।
वॉशिंगटन के अनुसार, मादुरो ‘कार्टेल डे लॉस सोल्स’ (Cartel de los Soles) नामक वेनेजुएला-आधारित ड्रग कार्टेल का प्रमुख है, जिसे अमेरिका ने एक वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का कहना है कि मादुरो शासन ने आतंकवादी संगठनों के माध्यम से “नार्को-टेररिज्म” को बढ़ावा दिया है।
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2 सितंबर को, तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैरेबियन सागर में एक कथित ड्रग्स तस्करी करने वाली नाव पर हवाई हमला करने की घोषणा की। इसके बाद अमेरिका ने कई ऐसी कार्रवाइयाँ कीं, जिनमें कम से कम 57 लोग मारे गए।
अमेरिका अब तक 10,000 से अधिक सैनिकों को कैरेबियन क्षेत्र में तैनात कर चुका है, जिनमें दो एम्फीबियस रेडी ग्रुप्स, तीन गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर, एक अटैक पनडुब्बी, विशेष अभियान जहाज, मिसाइल क्रूजर और टोही विमान शामिल हैं।
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