संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विपक्षी सांसदों के तीखे विरोध और नारेबाजी के बीच लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल के दौरान हो रही नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, "आपको नोटिस देना चाहिए और जो भी मुद्दा है, उस पर प्रश्नकाल के बाद चर्चा की जाएगी। सदन का पहला दिन है, इसे सुचारु रूप से चलाना चाहिए और एक अच्छी चर्चा होनी चाहिए। मैं हर सांसद को पर्याप्त समय और अवसर दूंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है। सदन को कार्य करना चाहिए, यह नारे लगाने की जगह नहीं है। सदन नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार चलता है और उन्हीं के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।"
कार्यवाही के आरंभ में लोकसभा अध्यक्ष ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे विश्व के विवेक को झकझोरने वाली है और भारत आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर अडिग है।
अध्यक्ष बिरला ने पूर्व सांसदों—किशन कपूर (हिमाचल प्रदेश), भगत राम (पंजाब), कुमारी अन्नाथन (तमिलनाडु), गिरिजा व्यास (राजस्थान), मिनाती सेन (पश्चिम बंगाल), सुखदेव सिंह ढींढसा (पंजाब), छोटे सिंह यादव व अनंत सिंह (उत्तर प्रदेश)—के निधन पर भी शोक व्यक्त किया।
सत्र शुरू होने से पहले, लोकसभा अध्यक्ष ने सभी राजनीतिक दलों और सांसदों से सहयोग और रचनात्मक चर्चा के लिए अपील की ताकि सदन का सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जा सके।