भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, बिहार की मसौदा मतदाता सूची (draft electoral roll) से 61 लाख से अधिक मतदाता बाहर हो सकते हैं। यह जानकारी राज्य स्तरीय मतदाता सत्यापन कार्यक्रम, जिसे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कहा जाता है, की समय-सीमा समाप्त होने से एक दिन पहले सामने आई है।
आंकड़ों के अनुसार, लगभग 21.6 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं, 31.5 लाख लोगों ने राज्य छोड़ दिया है, और 1 लाख मतदाता अब तक खोजे नहीं जा सके हैं। इसके अलावा, 7 लाख से अधिक लोगों ने अभी तक अपने फॉर्म नहीं जमा किए हैं, जिससे यह आशंका और भी बढ़ गई है कि बड़ी संख्या में लोग मतदाता सूची से बाहर रह सकते हैं।
ECI ने स्पष्ट किया है कि जो लोग यह मानते हैं कि उनका नाम गलत तरीके से हटाया गया है या किसी अन्य की गलत प्रविष्टि हुई है, वे 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्तियाँ दर्ज कर सकते हैं।
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चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को साफ और अद्यतन बनाना है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर नाम हटने से चिंताएं बढ़ी हैं। राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों ने पारदर्शिता और उचित जांच की मांग की है ताकि किसी योग्य मतदाता का नाम गलती से सूची से न हटे।
इस प्रक्रिया का अंतिम प्रकाशन अक्टूबर में किया जाएगा।
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