समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आधार को चिप्स के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि इससे मतदाता पहचान प्रणाली मजबूत होगी और चुनाव में किसी भी प्रकार की हेराफेरी या धांधली की संभावना कम होगी।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि यदि राज्य और केंद्र में जाति जनगणना (कास्ट जनगणना) शुरू की जाती है, तो आरक्षण की नीतियों को सही ढंग से लागू किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जाति आधारित आंकड़ों के बिना सामाजिक न्याय और आरक्षण की योजनाओं का सही क्रियान्वयन मुश्किल है।
साथ ही, अखिलेश ने पीडीए समुदाय की एकता और शक्ति पर भी जोर दिया। उनका कहना है कि जब यह समुदाय संगठित रहेगा, तो वे न केवल अपने हक के लिए आवाज उठा सकेंगे, बल्कि समाज के सामने आने वाली समस्याओं को भी प्रभावी ढंग से हल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि समुदाय की एकता लोगों की समस्याओं का समाधान करने में मदद करेगी और सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देगी।
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अखिलेश यादव का यह बयान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर चल रही सामाजिक और राजनीतिक चर्चाओं में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी सुधार और सामाजिक आंकड़ों का उपयोग मिलकर ही लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।
इस प्रकार, अखिलेश यादव ने आधार और जाति जनगणना के माध्यम से निष्पक्ष चुनाव, आरक्षण की सही प्रक्रिया और पीडीए समुदाय की सशक्त एकता पर बल दिया है। उनका यह दृष्टिकोण समाज में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।
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