महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि हाल ही में पारित महाराष्ट्र स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल, 2024 शहरी नक्सलवाद पर निर्णायक कार्रवाई करने में सरकार को सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे अप्रत्यक्ष रूप से वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं।
फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कानून किसी की सरकार की आलोचना करने या विरोध करने के अधिकारों का हनन नहीं करता। यह विधेयक वामपंथी उग्रवादी गतिविधियों से निपटने के लिए कड़े प्रावधानों के साथ आया है, जिनमें 7 साल तक की सज़ा, ₹5 लाख तक का जुर्माना और अपराध को गैर-जमानती व संज्ञेय श्रेणी में शामिल करना शामिल है।
यह विधेयक विधानसभा में गुरुवार को और विधान परिषद में शुक्रवार को पारित किया गया, और अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून बनेगा।
बीजेपी विधायक सुमित वानखेड़े द्वारा वर्धा जिले के गांधीवादी संस्थानों में शहरी नक्सल घुसपैठ के आरोपों पर फडणवीस ने कहा कि माओवादी रणनीतिक बदलाव कर संस्थानों और विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहे हैं ताकि संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विधेयक पर सभी दलों से चर्चा हुई, संयुक्त समिति की रिपोर्ट पर किसी ने असहमति नहीं जताई। 12,000 से अधिक सुझाव मिले, जिनके आधार पर आवश्यक संशोधन कर विधेयक को पारित किया गया।