बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक समीकरण गहराते जा रहे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाल ही में बीजेपी के साथ सीट-बंटवारे की चर्चाओं के बीच कोई ठोस बयान नहीं दिया और चुप्पी साधे रखी। इसके बावजूद बीजेपी ने बातचीत को ‘सकारात्मक’ बताते हुए संकेत दिया कि सहयोग के संभावित रास्ते अभी खुले हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि उनके पास केंद्र में मंत्री होने के नाते जिम्मेदारियां हैं, और यह स्थिति उन्हें सत्ता में रहते हुए अपनी भूमिका निभाने की अनुमति देती है। इस बयान से एक सूक्ष्म संदेश बीजेपी को गया है कि वे अपनी स्थिति और पार्टी की मांगों के प्रति सतर्क और जिम्मेदार हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बिहार में सीट-बंटवारे और गठबंधन को लेकर चल रही चर्चाओं में चिराग पासवान की चुप्पी रणनीतिक हो सकती है, जिससे वे अपनी ताकत और शर्तों को बरकरार रख सकें। उनका यह बयान यह भी दर्शाता है कि वे सीट-बंटवारे पर जल्द कोई निर्णय नहीं लेना चाहते और अपने पक्ष की स्थिति को मजबूत रखना चाहते हैं।
और पढ़ें: चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव में AI डीपफेक के दुरुपयोग से बचने के लिए दलों को चेताया
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है और जल्द ही सीट-बंटवारे पर अंतिम रूप से समझौता संभव है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण है और सहयोग के लिए उनकी सहमति आवश्यक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार चुनाव में गठबंधन की रणनीति और सीट-बंटवारे पर अंतिम निर्णय राजनीतिक संतुलन और आगामी चुनाव परिणामों पर गहरा असर डाल सकता है।
और पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव: जन सुराज पार्टी ने 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की