आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 32% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 27% उम्मीदवारों पर गंभीर अपराधों जैसे हत्या, हत्या के प्रयास, और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से 1,303 उम्मीदवारों के स्व-प्रमाणित हलफनामों का विश्लेषण किया गया। इनमें से 418 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 353 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।
पार्टीवार आंकड़ों के अनुसार, भाकपा (माले) के 93% उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जो सभी दलों में सबसे अधिक है। इसके बाद राजद (RJD) के 76% उम्मीदवारों और भाजपा (BJP) के 65% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं।
और पढ़ें: मोदी नेतृत्व वाली NDA की रैली बिहार में भारी जीत की राह बनाएगी: मंत्री नितिन नबीन
इसके अलावा, जद(यू) के 58%, कांग्रेस के 54%, और एलजेपी (रामविलास) के 49% उम्मीदवारों के खिलाफ भी अपराध से जुड़े मामले दर्ज हैं। एडीआर ने कहा कि गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए चिंताजनक है।
रिपोर्ट में मतदाताओं से अपील की गई है कि वे मतदान से पहले उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि अवश्य जांचें और स्वच्छ छवि वाले प्रतिनिधियों का चुनाव करें।
और पढ़ें: तेजस्वी यादव बने महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार, मुकेश सहनी होंगे डिप्टी सीएम चेहरा