बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक शिक्षक के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया है, जिस पर आरोप है कि उसने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक और व्यंग्यात्मक संदेश पोस्ट किए थे। अदालत ने कहा कि इन संदेशों में स्पष्ट रूप से “दुष्प्रवृत्ति (Mens Rea)” दिखाई देती है और मामले की जांच जारी रहनी चाहिए।
याचिकाकर्ता शिक्षक ने अदालत में दलील दी थी कि उनके संदेशों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है और यह केवल व्यंग्य थे, जिनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने FIR को निराधार बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी।
हालांकि, अदालत ने मामले की सामग्री का अवलोकन करने के बाद कहा कि संदेशों का लहजा और सामग्री गंभीर है और यह प्रारंभिक स्तर पर आपराधिक मंशा को दर्शाता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि जांच एजेंसी को स्वतंत्र रूप से मामले की पड़ताल करने का अवसर मिलना चाहिए और इस चरण में FIR को रद्द करना उचित नहीं होगा।
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ऑपरेशन सिंदूर हाल ही में सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया एक विशेष सैन्य अभियान है, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण सफलताएं मिलीं। इस संवेदनशील अभियान को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर फैलने से विवाद बढ़ गया है।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पुलिस अब मामले की आगे जांच करेगी और शिक्षक से पूछताछ जारी रखेगी।
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