सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर 17 नवंबर 2025 को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। यह याचिका उन 10 भारत राष्ट्र समिति (BRS) विधायकों की अयोग्यता से जुड़ी है जिन्होंने हाल ही में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 31 जुलाई को आदेश दिया था कि विधानसभा अध्यक्ष तीन महीने के भीतर इन अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लें। हालांकि, अदालत को यह सूचित किया गया कि स्पीकर ने अब तक इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
सोमवार (10 नवंबर 2025) को याचिकाकर्ता के वकील ने मामले की तात्कालिक सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि “स्पीकर ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया है और समयसीमा समाप्त हो चुकी है।” इस पर मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, “मामले को अगले सोमवार के लिए सूचीबद्ध करें।”
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याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्पीकर जानबूझकर प्रक्रिया को लंबा खींच रहे हैं, जबकि अदालत ने पहले ही कहा था कि यदि कोई विधायक या अधिकारी सुनवाई में देरी करेगा, तो उसके खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी की जाएगी।
यह अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट के 31 जुलाई के उस निर्णय पर आधारित है जिसमें अदालत ने कहा था कि स्पीकर संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता मामलों पर एक न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करता है और उसे संवैधानिक छूट प्राप्त नहीं है।
अदालत ने यह भी कहा था कि जब निर्वाचित जनप्रतिनिधि दल बदलकर भी पद पर बने रहते हैं और समय पर निर्णय नहीं लिया जाता, तो यह लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है।
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