कैथोलिक कांग्रेस ने केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन द्वारा आर्चबिशप जोसेफ पामप्लनी के खिलाफ दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की है। कैथोलिक कांग्रेस के वैश्विक निदेशक फादर कवियिल फिलिप ने कहा कि गोविंदन को ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जो अपमानजनक हो, और उन्हें ‘गोविंदचामी’ जैसी बयानबाजी से बचना चाहिए।
फादर फिलिप ने एक बयान में कहा कि गोविंदन का यह रवैया न केवल धार्मिक नेताओं के प्रति असम्मान दर्शाता है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन इन मतभेदों को सम्मानजनक और सभ्य संवाद के माध्यम से ही व्यक्त किया जाना चाहिए।
मामला तब सामने आया जब एम.वी. गोविंदन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में आर्चबिशप पामप्लनी पर टिप्पणी की थी, जो कैथोलिक समुदाय के एक बड़े हिस्से को नागवार गुज़री। आर्चबिशप पामप्लनी, चर्च के एक प्रमुख धार्मिक नेता के रूप में, पहले भी सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते रहे हैं।
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कैथोलिक कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर राजनीतिक नेता इस तरह की विवादास्पद भाषा का प्रयोग जारी रखते हैं, तो यह धार्मिक समुदायों के बीच अविश्वास और तनाव को बढ़ा सकता है। संगठन ने कहा कि राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे आपसी मतभेदों को सार्वजनिक बहस के जरिए सुलझाएं, न कि व्यक्तिगत हमलों के माध्यम से।
फादर फिलिप ने अंत में कहा कि सभी नेताओं को, चाहे वे किसी भी विचारधारा से हों, समाज में शांति, आपसी सम्मान और धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यही लोकतंत्र की असली ताकत है।
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